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मांगलिक दोष के उपाय: प्रभाव और सरल समाधान

मांगलिक दोष के उपाय: प्रभाव और सरल समाधान

✏️ Written by Acharya Rajesh Gupta · Experience: 19 years · ★★★★★
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मंगल दोष: अलग-अलग दृष्टिकोण और Duastro की ज्योतिषीय भविष्यवाणी

वैदिक ज्योतिष में मंगल दोष एक महत्वपूर्ण और चर्चा का विषय है। इसे विवाह और संबंधों में आने वाली कठिनाइयों का मुख्य कारण माना जाता है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि अलग-अलग ज्योतिषाचार्य इसे अलग-अलग तरीकों से देखते हैं। कुछ इसे चंद्र लग्न से देखते हैं, कुछ सूर्य लग्न से, जबकि कुछ संख्या में ऐसे विद्वान भी हैं जो इसे शुक्र लग्न से भी गणना करते हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि मंगल दोष क्या है, इसका जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और इसे सही तरीके से कैसे समझा जाए। Duastro इस विषय पर आपको न केवल स्पष्ट जानकारी देता है बल्कि आपकी जन्म कुंडली के आधार पर मुफ्त और विस्तृत भविष्यवाणी भी उपलब्ध कराता है।

मंगल दोष क्या है?

जन्म कुंडली में जब मंगल ग्रह प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित होता है, तो इसे मंगल दोष या मांगलिक दोष कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष में इसे विवाह के लिए एक संवेदनशील स्थिति माना जाता है क्योंकि यह दांपत्य जीवन में असंतुलन और चुनौतियां ला सकता है। हालांकि, इसकी गहन व्याख्या इस पर निर्भर करती है कि आप किस दृष्टिकोण से इसे देख रहे हैं। कई बार कुंडली में मौजूद अन्य शुभ ग्रह इस दोष के प्रभाव को कम कर देते हैं।

चंद्र लग्न से मंगल दोष

कुछ ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि मंगल दोष को चंद्र लग्न से देखना चाहिए। इसका कारण यह है कि चंद्रमा मन और भावनाओं का कारक है। यदि चंद्र लग्न से मंगल दोष बनता है, तो यह व्यक्ति की भावनाओं, मानसिक संतुलन और रिश्तों पर सीधा असर डालता है। ऐसे मामलों में दांपत्य जीवन में मानसिक असहमति और तनाव की संभावना अधिक मानी जाती है।

सूर्य लग्न से मंगल दोष

कुछ विद्वान मंगल दोष को सूर्य लग्न से देखते हैं। सूर्य आत्मा और व्यक्तित्व का प्रतीक है। सूर्य लग्न से देखे गए मंगल दोष का प्रभाव व्यक्ति की आत्मिक शक्ति और विवाह संबंध में उसकी भूमिका पर पड़ता है। ऐसे लोग अक्सर आत्मसम्मान और अहंकार से जुड़ी चुनौतियों का सामना करते हैं। दांपत्य जीवन में टकराव का कारण बन सकता है जब तक कि इसे सही उपायों से संतुलित न किया जाए।

शुक्र लग्न से मंगल दोष

बहुत कम ज्योतिषाचार्य मंगल दोष की गणना शुक्र लग्न से भी करते हैं। शुक्र प्रेम, आकर्षण और विवाह का स्वामी माना जाता है। जब शुक्र लग्न से मंगल दोष देखा जाता है, तो यह प्रेम संबंधों और वैवाहिक जीवन की स्थिरता पर गहरा असर डाल सकता है। ऐसे मामलों में व्यक्ति को विवाह से जुड़ी समस्याएं, देर से विवाह या रिश्तों में अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है। यह दृष्टिकोण भले ही कम लोकप्रिय हो, लेकिन कुछ मामलों में इसका प्रभाव महत्वपूर्ण साबित होता है।

Duastro की फ्री ज्योतिष भविष्यवाणी

यदि आप जानना चाहते हैं कि आपके जीवन में मंगल दोष है या नहीं, और यह किस दृष्टिकोण से आपको प्रभावित करता है, तो Duastro आपके लिए सही विकल्प है। यहां आप फ्री कुंडली प्राप्त कर सकते हैं, जो आपकी जन्म जानकारी के आधार पर विस्तृत और व्यक्तिगत भविष्यवाणी प्रदान करती है। Duastro केवल मंगल दोष ही नहीं, बल्कि आपके जीवन के अन्य ग्रहयोग और उनके प्रभाव की भी गहराई से जानकारी देता है। इसकी विशेषता यह है कि यहां की रिपोर्ट सरल भाषा में होती है और आपको सही दिशा में निर्णय लेने में मदद करती है।

मंगल दोष के उपाय

मंगल दोष होने पर ज्योतिषाचार्य इसके प्रभाव को कम करने के लिए कई उपाय बताते हैं। इनमें हनुमान जी की पूजा, मंगलवार का व्रत, मंगल मंत्र का जाप और विशेष रत्न धारण करना शामिल है। Duastro आपको आपके व्यक्तिगत दोष और ग्रहों की स्थिति के आधार पर उपयुक्त और व्यावहारिक उपाय बताता है। ये उपाय आपके जीवन में संतुलन और सामंजस्य लाने में सहायक होते हैं।

निष्कर्ष

मंगल दोष एक जटिल ज्योतिषीय स्थिति है, जिसे अलग-अलग विद्वान अलग-अलग दृष्टिकोण से देखते हैं। चाहे इसे चंद्र लग्न, सूर्य लग्न या शुक्र लग्न से देखा जाए, इसका प्रभाव व्यक्ति के विवाह और रिश्तों पर गहरा पड़ सकता है। Duastro इस विषय में आपको न केवल सही जानकारी देता है, बल्कि आपकी कुंडली के आधार पर मुफ्त और विस्तृत ज्योतिषीय भविष्यवाणी भी उपलब्ध कराता है। यदि आप अपने विवाह या रिश्तों को लेकर चिंतित हैं, तो आज ही Duastro पर जाएं और अपनी जन्म जानकारी दर्ज करके पाएं अपने जीवन का सटीक मार्गदर्शन।

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