स्कंद सप्तमी (स्कंद सष्टि): भगवान मुरुगन के लिए पवित्र उपवास
स्कंद सप्तमी या स्कंद सष्टि भगवान मुरुगन की भक्ति में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह उपवास विशेष रूप से तमिलनाडु और भारत के दक्षिणी हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ किया जाता है। स्कंद सष्टि का उद्देश्य भगवान मुरुगन की कृपा प्राप्त करना, जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाना और आत्मिक शुद्धि करना है।
स्कंद सष्टि का महत्व
स्कंद सष्टि का महत्व भगवान मुरुगन की शक्ति और वीरता से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान मुरुगन ने असुरों पर विजय प्राप्त की थी। इस उपवास और पूजा से जीवन में साहस, सफलता और मानसिक स्थिरता आती है। भक्त इसे स्वास्थ्य, समृद्धि और परिवार के सुख-शांति के लिए करते हैं।
स्कंद सष्टि उपवास की तैयारी
- पूजा स्थल: घर के साफ-सुथरे स्थान पर भगवान मुरुगन की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- पूजा सामग्री: पुष्प, दीपक, नारियल, मीठे पकवान और फल अरपित करने के लिए तैयार रखें।
- उपवास की तैयारी: भक्त निर्जला उपवास करते हैं या हल्का भोजन जैसे फल और दूध ग्रहण करते हैं।
स्कंद सष्टि उपवास की प्रक्रिया
- सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- भगवान मुरुगन की पूजा करें और उन्हें पुष्प, जल, फल और दीपक अर्पित करें।
- स्कंद सष्टि कथा का पाठ करें। यह कथा भगवान मुरुगन के वीरता और भक्ति की कहानियों का वर्णन करती है।
- पूजा समाप्त होने के बाद आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
स्कंद सष्टि के लाभ
स्कंद सष्टि उपवास करने से अनेक आध्यात्मिक और सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं:
- मन की शांति और मानसिक संतुलन मिलता है।
- जीवन में साहस और सफलता की प्राप्ति होती है।
- परिवार में सुख-शांति और प्रेम बढ़ता है।
- संकटों और बाधाओं में भगवान मुरुगन की कृपा का अनुभव होता है।
स्कंद सष्टि कथा का महत्व
स्कंद सष्टि कथा भगवान मुरुगन की असुरों पर विजय और उनकी भक्ति की कहानियों को दर्शाती है। कथा सुनने और व्रत करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। यह कथा हमें यह भी सिखाती है कि भगवान पर अटूट विश्वास और सच्ची भक्ति से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।
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स्कंद सष्टि व्रत नियमित रूप से कैसे करें
- हर वर्ष कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की सष्टि को व्रत करने की योजना बनाएं।
- व्रत के दौरान सच्ची भक्ति और सकारात्मक विचार बनाए रखें।
- दान और परोपकार को जीवन का हिस्सा बनाएं।
- पूजा और कथा का नियमित पालन करके मानसिक शांति और परिवार में सुख-शांति प्राप्त करें।
निष्कर्ष
स्कंद सष्टि उपवास केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह जीवन में साहस, समृद्धि और मानसिक शांति लाने का माध्यम है। नियमित पूजा और कथा पाठ से भगवान मुरुगन की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। साथ ही, Duastro की फ्री कुंडली के माध्यम से आप अपने ग्रहों और भविष्य के महत्वपूर्ण निर्णयों को समझ सकते हैं। इसलिए स्कंद सष्टि व्रत को अपने जीवन में शामिल करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।