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वैदिक ज्योतिष में विवाह न होने के संकेत | अपने भाग्य को जानें

वैदिक ज्योतिष में विवाह न होने के संकेत | अपने भाग्य को जानें

✏️ Written by Priya Mehra · Experience: 14 years · ★★★★★
Revealing hidden truths through the cards.

वैदिक ज्योतिष में विवाह न होने के संकेत

लेख विवरण: इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि वैदिक ज्योतिष के अनुसार किन संकेतों से पता चलता है कि किसी व्यक्ति का विवाह न हो सकता है। साथ ही, आप Duastro astrology की मुफ्त कुंडली बनाकर अपनी व्यक्तिगत ग्रह स्थिति और विवाह संबंधी संभावनाओं को समझ सकते हैं।

वैदिक ज्योतिष में विवाह का महत्व

वैदिक ज्योतिष में कुंडली का अध्ययन करके यह देखा जाता है कि जीवन के कौन से क्षेत्र में क्या संभावनाएँ हैं। विवाह किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ होता है। कुंडली में ग्रहों और भावों की स्थिति विवाह की संभावनाओं और समय का सही अंदाज़ा देती है।

विवाह न होने के संभावित संकेत

कुछ प्रमुख संकेत हैं जो वैदिक ज्योतिष में यह दर्शाते हैं कि व्यक्ति का विवाह विलंबित हो सकता है या नहीं हो सकता:

1. सप्तम भाव में ग्रह दोष

सप्तम भाव विवाह और जीवनसाथी को दर्शाता है। अगर इस भाव में मंगल, शनि या राहु का प्रभाव नकारात्मक है, तो विवाह में कठिनाइयाँ आ सकती हैं।

2. विवाह भाव का खाली होना

कुंडली में सप्तम भाव में ग्रह न होना या केवल लाभकारी ग्रहों की अनुपस्थिति विवाह की संभावना को कम कर सकती है।

3. शनि और राहु का दुष्प्रभाव

यदि शनि या राहु सप्तम भाव या उससे संबंधित ग्रहों पर विपरीत प्रभाव डाल रहे हैं, तो विवाह में बाधाएँ उत्पन्न हो सकती हैं और समय भी लंबा हो सकता है।

4. नाड़ी दोष या केतु की स्थिति

केतु और अन्य नाड़ी दोष विवाह के समय में विलंब या असफलता का संकेत दे सकते हैं। यह भी देखा जाता है कि वैवाहिक जीवन में कठिनाइयाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

5. ग्रहों की युति और राशि के मेल का अभाव

कुंडली में सप्तम भाव के स्वामी और उनके गोचर यदि अनुकूल नहीं हैं, तो विवाह स्थगित या असमर्थ हो सकता है।

विवाह संबंधी सुधार के उपाय

यदि आपकी कुंडली में विवाह को लेकर दुष्प्रभाव दिखाई दे रहे हैं, तो कुछ ज्योतिषीय उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • शनि उपाय: शनिवार को शनि देव की पूजा और काला तिल दान करने से शनि दोष कम होते हैं।
  • गुरु उपाय: बृहस्पति मंत्र जाप और गुरुवार को दान देने से सप्तम भाव की स्थिति मजबूत होती है।
  • हनुमान पूजा: विवाह में बाधाओं को कम करने के लिए हनुमान चालीसा का नियमित पाठ लाभकारी है।
  • दान और सेवा: विधवाओं या जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न और पैसे दान करने से ग्रहों का शुभ प्रभाव बढ़ता है।

Duastro astrology की मदद से विस्तृत भविष्यवाणी

यदि आप यह जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में विवाह के संकेत कैसे हैं, तो Duastro astrology की मुफ्त कुंडली बनाएं। यह न केवल ग्रहों की स्थिति बताएगी बल्कि आपको सुझाव भी देगी कि कौन से उपाय अपनाकर आप विवाह संबंधी बाधाओं को कम कर सकते हैं।

निष्कर्ष

वैदिक ज्योतिष में विवाह न होने या विलंबित होने के संकेत कई प्रकार के ग्रह और भावों के संयोजन से आते हैं। सप्तम भाव, शनि, राहु, केतु और अन्य ग्रहों की स्थिति इस मामले में निर्णायक होती है। समय रहते उपाय करना और ज्योतिषीय सलाह लेना महत्वपूर्ण है। आप Duastro astrology की मुफ्त कुंडली बनाकर अपनी व्यक्तिगत स्थिति जान सकते हैं और उचित उपाय करके विवाह की राह को आसान बना सकते हैं।

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