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जन्म कुंडली में वैवाहिक संबंध के बाहर के मामलों की जांच – ज्योतिषीय मार्गदर्शन

जन्म कुंडली में वैवाहिक संबंध के बाहर के मामलों की जांच – ज्योतिषीय मार्गदर्शन

✏️ Written by Astro Anil Sharma · Experience: 22 years · ★★★★★
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जन्म कुंडली में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर कैसे पहचानें – ज्योतिष से जानें सच्चाई

शादी के बाद रिश्ते में विश्वास और समर्पण बहुत जरूरी होता है। लेकिन कई बार जीवन में ऐसी परिस्थितियाँ आती हैं जब पति या पत्नी के मन में किसी और के प्रति आकर्षण पैदा हो जाता है। इसे हम एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली के माध्यम से ऐसे संकेतों को समझा जा सकता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे कुंडली में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के योग देखे जा सकते हैं और कैसे Duastro Astrology आपको मुफ्त भविष्यवाणी के जरिए मदद कर सकता है।

1. सातवें भाव (7th House) की भूमिका

जन्म कुंडली में सातवां भाव विवाह और वैवाहिक जीवन का प्रतिनिधित्व करता है। यदि इस भाव पर राहु, शुक्र या मंगल का नकारात्मक प्रभाव हो, तो यह व्यक्ति को वैवाहिक जीवन के बाहर आकर्षित कर सकता है। सातवें भाव में राहु का प्रभाव विशेष रूप से एक्स्ट्रा रिलेशन के संकेत देता है।

2. शुक्र (Venus) की स्थिति

शुक्र प्रेम, आकर्षण और भौतिक सुखों का कारक ग्रह है। यदि शुक्र नीच का हो या राहु से युति में हो, तो व्यक्ति को अनैतिक संबंधों की ओर आकर्षण हो सकता है। साथ ही, अगर शुक्र अष्टम भाव या द्वादश भाव में हो, तो गुप्त संबंधों की संभावना बढ़ जाती है।

3. राहु और केतु का प्रभाव

राहु और केतु छाया ग्रह हैं और इनका प्रभाव भ्रम, वासना और गुप्त इच्छाओं से जुड़ा होता है। जब राहु का संबंध शुक्र या चंद्र से बनता है, तो व्यक्ति के भीतर असामान्य या छिपे हुए प्रेम संबंधों की प्रवृत्ति देखी जा सकती है। यह संयोजन कई बार वैवाहिक जीवन में अविश्वास पैदा करता है।

4. पांचवें भाव (5th House) का संबंध

पांचवां भाव प्रेम और रोमांस का प्रतीक होता है। यदि पांचवां भाव या इसका स्वामी सातवें भाव से जुड़ जाए, तो यह विवाह के बाद भी नए आकर्षण या संबंधों की संभावना को दर्शाता है। यदि इस भाव में राहु या शुक्र का प्रभाव हो, तो ऐसे व्यक्ति अक्सर प्रेम संबंधों में उलझे रहते हैं।

5. दशा और गोचर का प्रभाव

कई बार एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का कारण ग्रहों की दशा और गोचर भी होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि शुक्र की महादशा चल रही हो और उस दौरान राहु या मंगल का प्रभाव बढ़ जाए, तो व्यक्ति के जीवन में प्रेम संबंधों में अस्थिरता आ सकती है। इसलिए दशा का विश्लेषण अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

कैसे पहचानें कि रिश्ते में खतरा है?

यदि आपकी कुंडली में ऊपर बताए गए योग मौजूद हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि अफेयर निश्चित है। यह केवल संभावनाएँ दर्शाते हैं। इसका सही विश्लेषण किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य द्वारा किया जाना चाहिए। Duastro Astrology की मदद से आप अपनी फ्री कुंडली बनवाकर ग्रहों की सटीक स्थिति और उनके प्रभाव जान सकते हैं।

Duastro Astrology की मुफ्त भविष्यवाणी

Duastro एक ऑनलाइन ज्योतिष प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ आप अपनी जन्म तिथि, समय और स्थान दर्ज कर के अपनी कुंडली बना सकते हैं। यहां से आप यह जान सकते हैं कि आपके रिश्तों पर ग्रहों का क्या प्रभाव पड़ रहा है और क्या कोई नकारात्मक योग आपके वैवाहिक जीवन को प्रभावित कर रहा है।

  • मुफ्त जन्म कुंडली और ग्रहों का विस्तृत विश्लेषण।
  • रिश्तों और विवाह जीवन पर आधारित भविष्यवाणी।
  • प्रेम और वैवाहिक जीवन में सुधार के उपाय।
  • दैनिक, साप्ताहिक और मासिक संबंध पूर्वानुमान।

ज्योतिषीय उपाय जो रिश्ते बचा सकते हैं

यदि कुंडली में अफेयर के योग दिखाई देते हैं, तो कुछ उपाय अपनाकर रिश्ते को संतुलित किया जा सकता है:

  • शुक्र और राहु के दोष को कम करने के लिए शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र पहनें।
  • गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा करें ताकि वैवाहिक संबंधों में स्थिरता आए।
  • पति-पत्नी एक-दूसरे के साथ समय बिताएं और संवाद बनाए रखें।
  • कुंडली के अनुसार ग्रह शांति या रत्न धारण करें, लेकिन विशेषज्ञ की सलाह से ही।

ज्योतिष से क्या लाभ मिलेगा?

ज्योतिष केवल भविष्यवाणी नहीं बल्कि मार्गदर्शन का विज्ञान है। जब आप अपनी कुंडली का सही विश्लेषण करते हैं, तो आप यह समझ पाते हैं कि कौन-से ग्रह आपके रिश्तों में तनाव या आकर्षण पैदा कर रहे हैं। इससे आप सही समय पर निर्णय लेकर अपने विवाह और संबंधों को सुरक्षित बना सकते हैं।

संबंधों में विश्वास बनाए रखें

भले ही कुंडली में कुछ नकारात्मक योग दिखें, लेकिन सच्चा प्रेम और संवाद किसी भी समस्या का समाधान बन सकता है। ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों की स्थिति बदलती रहती है, इसलिए नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है। अपने साथी पर भरोसा बनाए रखें और समय-समय पर ग्रहों की स्थिति का विश्लेषण करते रहें।

निष्कर्ष

एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के योग जन्म कुंडली में ग्रहों और भावों की स्थिति से समझे जा सकते हैं। सातवां भाव, शुक्र, राहु और पांचवां भाव इसमें प्रमुख भूमिका निभाते हैं। Duastro Astrology की फ्री कुंडली बनवाकर आप अपनी वैवाहिक स्थिति और ग्रहों के प्रभाव को गहराई से जान सकते हैं। सही ज्योतिषीय मार्गदर्शन और विश्वास के साथ आप अपने रिश्तों में स्थिरता और प्यार बनाए रख सकते हैं।

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