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नवरात्रि उत्सव में रंगों की भूमिका | हर रंग का महत्व और सकारात्मक ऊर्जा

नवरात्रि उत्सव में रंगों की भूमिका | हर रंग का महत्व और सकारात्मक ऊर्जा

✏️ Written by Pandit Amit Patel · Experience: 18 years · ★★★★★
Answering life questions through precise planetary timing.

नवरात्रि उत्सव में रंगों का महत्व और ज्योतिषीय प्रभाव

नवरात्रि हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और उल्लासपूर्ण त्योहार है। यह नौ दिनों तक चलने वाला पर्व मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए समर्पित होता है। नवरात्रि में प्रत्येक दिन का अपना विशेष रंग होता है, जो शुभता, सकारात्मक ऊर्जा और विभिन्न भावनाओं का प्रतीक होता है। रंगों का चयन केवल सजावट के लिए नहीं होता, बल्कि यह हमारे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। साथ ही, ज्योतिष के अनुसार, रंगों का प्रभाव ग्रहों और राशियों के साथ भी जुड़ा होता है।

नवरात्रि में रंगों का महत्व

नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन मां दुर्गा के अलग रूप की पूजा होती है और प्रत्येक दिन एक विशेष रंग पहना जाता है। ये रंग न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि ये ऊर्जा, शक्ति और मानसिक संतुलन को भी प्रभावित करते हैं। सही रंग पहनना शुभ माना जाता है और यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करता है।

नवरात्रि के प्रत्येक दिन का रंग

पहला दिन – गुलाबी

गुलाबी रंग प्यार, करुणा और शांति का प्रतीक है। यह रंग मन को शांत करता है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है, जो साहस और ज्ञान प्रदान करती हैं।

दूसरा दिन – लाल

लाल रंग शक्ति, उत्साह और उर्जा का प्रतीक है। यह रंग मानसिक दृढ़ता और साहस बढ़ाता है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के दिन लाल रंग पहनना विशेष शुभ माना जाता है।

तीसरा दिन – नारंगी

नारंगी रंग उत्साह और सफलता का प्रतीक है। यह रंग जीवन में सकारात्मकता लाता है और आत्मविश्वास बढ़ाता है। इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है।

चौथा दिन – पीला

पीला रंग सुख, आनंद और बुद्धिमत्ता का प्रतीक है। यह रंग मानसिक संतुलन और खुशी को बढ़ाता है। मां कुष्मांडा की पूजा के दिन पीला रंग पहनना लाभकारी माना जाता है।

पांचवां दिन – हरा

हरा रंग स्वास्थ्य, समृद्धि और शांति का प्रतीक है। यह रंग परिवार और कार्यक्षेत्र में संतुलन लाता है। मां स्कंदमाता की पूजा के दिन हरा रंग पहनना शुभ होता है।

छठा दिन – नीला

नीला रंग शांति, शुद्धि और मानसिक संतुलन का प्रतीक है। यह रंग तनाव को कम करता है और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। मां कात्यायनी की पूजा के दिन नीला रंग पहनना लाभकारी होता है।

सातवां दिन – हल्का नीला या ऑफ़ व्हाइट

हल्का नीला या सफेद रंग पवित्रता, शांति और सादगी का प्रतीक है। यह रंग मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास में मदद करता है। मां कालरात्रि की पूजा के दिन यह रंग पहनना शुभ माना जाता है।

आठवां दिन – भूरा या पीच

भूरा या पीच रंग स्थिरता, समर्पण और संयम का प्रतीक है। मां महागौरी की पूजा के दिन यह रंग पहनना विशेष शुभ होता है।

नौवां दिन – बैंगनी या लैवेंडर

बैंगनी रंग आध्यात्मिक ऊर्जा, शक्ति और रहस्य का प्रतीक है। इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। यह रंग मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है।

ज्योतिषीय दृष्टि से रंगों का प्रभाव

रंग केवल मनोवैज्ञानिक प्रभाव नहीं डालते, बल्कि ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की ऊर्जा और राशियों के स्वभाव पर भी असर डालते हैं। सही रंग पहनने से ग्रहों की अनुकूलता बढ़ती है और नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं। इससे नवरात्रि में आपके मन, शरीर और आत्मा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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निष्कर्ष

नवरात्रि में रंगों का चयन केवल परंपरा नहीं है, बल्कि यह हमारे मानसिक, भावनात्मक और ज्योतिषीय ऊर्जा पर गहरा प्रभाव डालता है। गुलाबी, लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, सफेद और बैंगनी रंगों का सही दिन पर पहनना जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाता है। Duastro Free Kundli के माध्यम से आप अपनी राशि और ग्रहों की स्थिति के अनुसार शुभ रंग जान सकते हैं और नवरात्रि का पर्व और भी प्रभावशाली और आनंददायक बना सकते हैं।

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