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ज्योतिष में दूसरी शादी – जानें ग्रह और कुंडली अनुसार महत्व

ज्योतिष में दूसरी शादी – जानें ग्रह और कुंडली अनुसार महत्व

✏️ Written by Astro Vikram Singh · Experience: 21 years · ★★★★★
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ज्योतिष के अनुसार दूसरी शादी का महत्व और दृष्टिकोण

विवाह जीवन किसी भी व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। कभी-कभी परिस्थितियों, असहमति या जीवन के बदलते हालात के कारण लोग दूसरी शादी (Second Marriage) की ओर बढ़ते हैं। ज्योतिष शास्त्र में दूसरी शादी को गंभीरता से देखा जाता है, क्योंकि यह व्यक्ति के ग्रह, जन्म कुंडली और मंगल दोष जैसी स्थितियों पर निर्भर करता है। सही समय और उपाय से दूसरी शादी जीवन में खुशहाली और संतुलन ला सकती है।

दूसरी शादी के ज्योतिषीय संकेत

दूसरी शादी की संभावना और उसके परिणाम कई कारकों पर निर्भर करते हैं। जन्म कुंडली में सातवें घर, शुक्र ग्रह और मंगल ग्रह की स्थिति इस मामले में महत्वपूर्ण होती है। यदि ग्रहों की स्थिति अनुकूल है, तो दूसरी शादी सुख, समृद्धि और स्थायित्व ला सकती है। अशुभ स्थिति में मानसिक तनाव और असंतुलन का सामना करना पड़ सकता है।

सातवें घर का महत्व

सातवां घर विवाह और जीवनसाथी को दर्शाता है। यदि इस घर में अनुकूल ग्रह स्थित हैं, तो दूसरी शादी जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती है। अशुभ ग्रह स्थिति विवाह में देरी, असफलता या चुनौतियाँ ला सकती है। इसलिए कुंडली का विश्लेषण करना आवश्यक है।

शुक्र ग्रह और मंगल ग्रह की भूमिका

शुक्र ग्रह प्रेम, स्नेह और वैवाहिक जीवन का कारक है। इसकी अनुकूल स्थिति से दूसरी शादी सुखद और सफल होती है। मंगल ग्रह विवाह में बाधाएँ और चुनौतियाँ ला सकता है, विशेषकर यदि यह अशुभ स्थिति में हो। मंगल दोष होने पर दूसरी शादी के लिए विशेष उपाय आवश्यक होते हैं।

दूसरी शादी के लाभ

  • नई शुरुआत और जीवन में खुशहाली लाना।
  • भावनात्मक और मानसिक संतुलन प्राप्त करना।
  • अतीत की परेशानियों को भूलकर नई जिम्मेदारियों और प्रेम को अपनाना।
  • संतानों और परिवार के लिए स्थिर वातावरण बनाना।
दूसरी शादी सही ग्रह स्थिति और समझदारी से जीवन में स्थायित्व और संतुलन ला सकती है।

दूसरी शादी में सावधानियाँ

  • जन्म कुंडली का विस्तृत विश्लेषण कराएँ।
  • सकारात्मक ग्रहों के अनुकूल समय (मुहूर्त) का चयन करें।
  • अशुभ ग्रहों और मंगल दोष के लिए उपाय करें।
  • भावनात्मक और मानसिक रूप से तैयार रहें।
सावधानी और ज्योतिषीय मार्गदर्शन से दूसरी शादी सुखद और सफल बन सकती है।

Duastro Astrology से दूसरी शादी का विश्लेषण

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निष्कर्ष

दूसरी शादी ज्योतिषीय दृष्टिकोण से सही ग्रह स्थिति, सातवें घर, शुक्र और मंगल ग्रह पर निर्भर करती है। यदि सही समय, उपाय और ग्रह अनुकूल हैं, तो यह जीवन में खुशहाली, संतुलन और नई शुरुआत ला सकती है। Duastro की फ्री कुंडली सेवा के माध्यम से आप ग्रहों की स्थिति और उपायों का विस्तृत विश्लेषण प्राप्त कर सकते हैं और दूसरी शादी को सुखद और सफल बना सकते हैं।

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