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आपकी कुंडली में दूसरी शादी के संकेत | जानिए 5 ज्योतिषीय लक्षण जो बताते हैं दूसरा विवाह योग

आपकी कुंडली में दूसरी शादी के संकेत | जानिए 5 ज्योतिषीय लक्षण जो बताते हैं दूसरा विवाह योग

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ज्योतिष में दूसरी शादी के संकेत: जानिए क्या कहते हैं ग्रह और राशियाँ

ज्योतिष शास्त्र में यह माना जाता है कि ग्रहों की स्थिति, कुंडली में भाव और राशि परिवर्तन व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं। कभी-कभी कुंडली में कुछ विशेष संकेत होते हैं जो यह बता सकते हैं कि व्यक्ति के जीवन में दूसरी शादी हो सकती है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि किन ज्योतिषीय संकेतों से यह संभावना बढ़ती है और Duastro की मुफ्त कुंडली भविष्यवाणी कैसे आपको इस विषय में मार्गदर्शन दे सकती है।

1. सप्तम भाव का महत्व

जन्म कुंडली में सप्तम भाव वैवाहिक जीवन और जीवनसाथी का भाव माना जाता है। यदि इस भाव में किसी प्रकार की अशुभ स्थिति, ग्रह दोष या कमजोर प्रभाव हो, तो व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में चुनौतियाँ आ सकती हैं। कई बार यह संकेत देती है कि व्यक्ति को विवाह जीवन में बदलाव या दूसरी शादी का सामना करना पड़ सकता है।

2. शुक्र ग्रह की स्थिति

शुक्र ग्रह वैवाहिक सुख और प्रेम संबंधों का प्रमुख कारक है। यदि शुक्र कमजोर, नीच या दोषग्रस्त हो, तो पहले विवाह में कठिनाइयाँ आने की संभावना होती है। कुछ ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति व्यक्ति के जीवन में दूसरी शादी की संभावना को बढ़ा सकती है।

3. राहु और केतु का प्रभाव

राहु और केतु के प्रभाव से जीवन में अप्रत्याशित बदलाव आते हैं। यदि ये ग्रह सप्तम भाव या दूसरे विवाह से जुड़े भाव में प्रभाव डालते हैं, तो व्यक्ति के विवाह जीवन में परिवर्तन, विलगाव या दूसरी शादी का संकेत मिल सकता है।

4. शुक्र और राहु/केतु का योग

कुंडली में शुक्र और राहु या केतु का योग विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह योग व्यक्ति के प्रेम संबंधों में अप्रत्याशित मोड़ और दूसरी शादी की संभावना को दर्शा सकता है। यह केवल संकेत है, इसका अर्थ यह नहीं कि सभी परिस्थितियाँ बाधित होंगी, बल्कि ग्रहों का यह संयोजन जीवन में बदलाव ला सकता है।

5. सप्तम भाव में दो ग्रहों का प्रभाव

यदि सप्तम भाव में दो या अधिक ग्रह स्थित हैं, तो यह वैवाहिक जीवन में चुनौतियों और नई संभावनाओं का संकेत दे सकता है। कई बार इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में दूसरी शादी की ओर ले जाता है। ज्योतिष में इसे ध्यान से देखने की आवश्यकता होती है।

6. व्यक्तिगत अनुभव और ग्रह दशा

जन्म कुंडली में ग्रह दशाओं का प्रभाव भी वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। विशेष रूप से शुक्र, शनि, राहु और केतु की दशा में वैवाहिक जीवन में बदलाव और नई शुरुआत की संभावना बढ़ सकती है। इस समय व्यक्ति को जीवनसाथी के चयन में सावधानी और मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।

Duastro Astrology Prediction से जानें सटीक जानकारी

यदि आप यह जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में दूसरी शादी की संभावना कितनी है और कौन-से ग्रह या भाव इसके लिए जिम्मेदार हैं, तो Duastro की मुफ्त कुंडली भविष्यवाणी बेहद उपयोगी साबित हो सकती है। यह जन्म चार्ट के आधार पर आपके वैवाहिक जीवन, ग्रह दशा और भाव स्थिति की विस्तृत जानकारी देती है।

Duastro कुंडली से आप क्या जान सकते हैं?

  • आपके जन्म चार्ट के अनुसार वैवाहिक जीवन की संभावना और चुनौतियाँ।
  • कौन-से ग्रह और दशा आपके विवाह में प्रभाव डाल सकते हैं।
  • भविष्य में सही समय और निर्णय लेकर विवाह जीवन में संतुलन बनाए रखने की सलाह।
  • पहली शादी में समस्याएँ होने पर दूसरी शादी की संभावनाएँ।

निष्कर्ष

ज्योतिष में दूसरी शादी के संकेत सप्तम भाव, शुक्र ग्रह, राहु-केतु का प्रभाव और ग्रह दशाओं से मिलते हैं। यह संकेत केवल संभावनाएँ बताते हैं, अंतिम निर्णय और जीवन की दिशा व्यक्ति के प्रयास और परिस्थितियों पर भी निर्भर करती है। Duastro की मुफ्त कुंडली भविष्यवाणी के माध्यम से आप अपने जीवन में वैवाहिक संबंधों और भविष्य की दिशा को समझ सकते हैं। इससे आप सही समय पर निर्णय लेकर अपने वैवाहिक जीवन को संतुलित और खुशहाल बना सकते हैं।

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